समिति के मूल उदेश्य -

हमारी सहकारी समिति के मूल उद्देश्यों का बिन्दुवार विवरण नीचे दिया जा रहा है।

  1. गाँव से शहर की ओर पलायन को रोकना
  2. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों मे रोजगार के अवसर विकसित करना
  3. कृषि और ग्रामीण आधारित उद्योगों की स्थापना करना
  4. टिकाऊ खेती और ग्रामीण उद्यमिता के परिप्रेक्ष्य मे जैविक कृषि को बढ़ावा देना
  5. ग्रामीण जनजीवन खासतौर पर महिलाओ को शिक्षित करना और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना
  6. कृषि आधारित कुटीर उद्योगों, लघु उद्योगों को लगाकर ग्रामीण अर्थब्यवस्था मे सुधार करना
  7. एक स्वास्थ्य, समृद्ध और गौरवशाली भारत के निर्माण हेतु ग्रामीण महिलाओ, बच्चों और नौजवानों को जागरूक और स्वावलंबी बनाना ।

OUR ACTIVITY

हमारे संगठन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनता के आर्थिक और सामाजिक जीवन स्तर को ऊपर उठाना है और कृषि को एक उद्योग की तरह विकसित करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए समिति अपने एसोशीएट सदस्यों के माध्यम से अपने क्रियाकलापों को आम जनमानस तक पहुचने का कार्य कर रही है। समिति के द्वारा जिले की सभी तहसीलों और ब्लॉक स्तर पर अपने सहकारी विकास सेवा केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। समिति अपने बिजनेस एसोशीएट सदस्यों के माध्यम से गाँव के हर घर मे जाकर किसानों को संगठन से जोड़ने का काम कर रही है। ताकी ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को इसका लाभ पहुँचाया जा सके । कार्य विस्तार की बिन्दुवार प्रक्रिया इस प्रकार है ...


कृषि और किसानों का आर्थिक और सामाजिक विकास बेरोजगारी दूर करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों मे उद्योग की स्थापना का संकल्प

  1. सहकारी विकास केंद्रों की स्थापना
  2. सहकारी विकास केंद्र के प्रबंधक के द्वारा सेल्स और प्रोमोशन के लिए एसोशीएट सदस्यों की टीम गठन करना ।
  3. एसोशीएट सदस्यों के माध्यम से संगठन के मूल उद्देश्यों और क्रियाकलापों को किसानों तक पहुचना ।
  4. ग्राम पंचायत स्तर पर मासिक सभा का आयोजन करना ।
  5. रोजगार के अवसर विकसित करना तथा सदस्यों को एसोशीएट बनाकर उनको रोजगार प्रदान करना
  6. सदस्यों को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना ।
  7. सदस्यों के मध्य बचत की भावना पैदा करना, बचत हेतु बैंकिंग जैसी ब्यवस्था देना ।
  8. सदस्यों को जरूरत के अनुसार सहकारी ऋण के ब्यवस्था उपलब्ध करना ।
  9. सदस्यों को लघु उद्योग हेतु ऋण प्रदान करना ।
  10. ऑर्गैनिक खेती हेतु जैविक कृषि उत्पादों का प्रोडक्शन
  11. फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना
  12. दैनिक उपयोग के वस्तुओ जैसे दाल, चावल, आटा, बेसन, सूजी, मैदा, सब्जी मसाला जैसे अन्य उत्पादों के मैन्यफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना